Friday, February 13, 2009

सोच बदलें, फिटनेस पाएं

ऐसा भला कौन होगा जिसे बेहतरीन फिटनेस की चाहत नहीं होगी। लेकिन अच्छी फिटनेस रोज-रोज डाइटिंग चार्ट बनाने, भाग कर जिम जाने, पसंदीदा भोजन से दूरी बनाने और हर वक्त कैलोरी पर नजर रखने से ही नहीं मिलती। वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि आप वाकई फिट रहना चाहते हैं तो पहले अपनी सोच बदलनी होगी।

इसका मतलब नकारात्मक विचार आपके वर्क आउट [जिम में घंटों की गई एक्सरसाइज] के नतीजों पर पानी फेर सकते हैं। यानी व्यायाम या डाइट चार्ट तभी कारगर होंगे जब आप अपने नकारात्मक विचारों से मुक्ति पा लें। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि अच्छी फिटनेस सोच बदलकर और आत्मचिंतन द्वारा पाई जा सकती है। फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक गेरिथ डट्टन ने बताया कि अधिकांश लोगों को इस बात की जानकारी ही नहीं होती कि नकारात्मक सोच उनकी सेहत के लिए कितनी घातक साबित हो सकती है।

डट्टन कहते हैं कि हमारे मन में असंख्य नकारात्मक ख्याल आते रहते हैं। हमारी कोशिश इनसे मुक्ति पाने की होनी चाहिए। डट्टन कहते है कि इसमें खुद से ही माइंड गेम खेलना कारगर साबित होता है। मतलब विचारों को विचार ही मानें, सच नहीं। जैसे मीठा खाने के बारे में सोच रहे हैं, तो जरूरी नहीं कि ऐसा किया ही जाए। खुद पर संयम रखें। थोड़े नियंत्रण से ही आप ज्यादा कैलोरी खाने से बच जाएंगे। मुझे व्यायाम करना पसंद नहीं। मेरे पास जिम जाने का वक्त ही नहीं है। या फिर मेरा वजन कभी नहीं घट सकता जैसे जैसे नकारात्मक विचारों को दूर झटक दें। खुद को मानसिक रूप से वजन घटाने के लिए तैयार करें। हमें इस बात पर विश्वास कर ही लेना चाहिए कि हम जैसा सोचते हैं, वैसा ही बन जाते हैं।

कैक्टस के फायदे अनेक

आमतौर पर लोग कैक्टस के बारे में यही जानते हैं कि यह रेगिस्तान या सूखे क्षेत्र में पाया जाता है। लेकिन इसमें भरपूर मात्रा में खनिज पदार्थ भी पाए जाते हैं। यही वजह है कि उत्तरी अमेरिका के कई देशों में इसका खाद्य पदार्थ के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा है। इसके कुछ फायदों पर डालते हैं एक नजर डालते :

1. कैक्टस दर्द निवारक के रूप में बहुत उपयोगी है।

2. फ्लेवानाइड से भरपूर होने के कारण इसका इस्तेमाल एंटीआक्सीडेंट और कैंसर रोधी के रूप में भी किया जाता है।

3. इसकी बड़ी-बड़ी पत्तियां पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम जैसे खनिज और विटामिन सी व विटामिन ए भी काफी मात्रा में मौजूद होता है।

यही वजह है कि भारत और मैक्सिको में रहने वाली बहुत सी जनजातियां इसे सूप, आचार व अन्य खाद्य पदार्थ बनाने में इस्तेमाल करती हैं। इसे त्वचा के छिलने, कीड़े के काटने या एलर्जी दूर करने में इस्तेमाल किया जा सकता है। यही नहीं, यह टाइप 2 डायबिटीज व मोटापे को दूर करने में भी काम आता है। कैक्टस की सीने पेड्रो प्रजाति का जूस किडनी व ब्लैडर की जलन दूर करने में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह तेज बुखार में भी बेहद कारगर है।

तनाव दूर करने के सात नुस्खे

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग बड़ी संख्या में तनाव का शिकार हो रहे हैं। इनमें युवाओं की भी काफी है। तनाव दूर करने के लिए डाक्टर आमतौर पर एंटीडिप्रेसेंट देते हैं। लेकिन खुद डाक्टरों का भी मानना है कि शरीर के लिए ये दवाएं हानिकारक होती है।

सवाल उठता है कि इस समस्या से निपटा कैसे जाए? आहार विशेषज्ञों के पास इसका जवाब है। उनका मानना है कि सही खानपान व कुछ बातों के ध्यान में रखकर तनाव से छुटकारा पाया जा सकता है। कैसे, डालते हैं

एक नजर..

सीफूड का करें सेवन

सीफूड में ओमेगा 3 फैटी एसिड्स [इकोसापेंटानोइक एसिड 'ईपीए' और डोकोसाहेक्सानोइक एसिड 'डीएचए'] प्रचुर मात्रा में होते हैं। शरीर में डीएचए का अधिक स्तर डोपामीन और सिरोटोनिन हार्मोन को बढ़ा देता है। ये हार्मोन तनाव को कम करने में मदद करते हैं।

खूब खाएं मछली

हफ्ते में कम से कम दो बार सालमन और मैकरल मछली खाएं। इसमें ईपीए और डीएचए की संतुलित मात्रा होती है। ऐसे में ये तनाव दूर करने में मदद करती हैं।

धैर्य रखें

अधीरता तनाव को बढ़ाती है। इसलिए धैर्य से काम करें।

कार्य स्थल को सुगंधित रखें

वैज्ञानिकों ने पाया है कि सुगंधित माहौल से तनाव घटता है। इसलिए अपने कार्यस्थल को सुगंधित रखने की कोशिश करनी चाहिए।

तय करें लक्ष्य और उन्हें हासिल करें

2006 में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि ऐसे लोग जो खुद के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित करते हैं, उन्हें कम तनाव रहता है और वे बेहतर महसूस करते हैं। ओहियो राज्य में असिस्टेंट प्रोफेसर डाक्टर जेनिफर ने कहा, 'लक्ष्य निर्धारित करने से आपमें सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। इससे आप बेहतर महसूस करते हैं।'

दूध का करें सेवन

दूध में प्रचुर मात्रा में ट्रिप्टोफैन होता है। ट्रिप्टोफैन ऐसा एमीनो एसिड है, जो सिरोटोनिन के उत्पादन के लिए जरूरी है। शरीर में सिरोटोनिन का स्तर बढ़ने से तनाव कम होता है और मूड ठीक रहता है।

जीवन साथी से रखें अच्छा यौन संबंध

संभोग के दौरान आक्सीटोसिन हार्मोन स्रावित होता है। यह तनाव के लिए जिम्मेदार हारमोन कार्टिसोल के स्तर को कम करता है। ऐसे में जीवन साथी के साथ अच्छा यौन संबंध तनाव को दूर रखने में खास भूमिका निभा सकते हैं।

साइनस के इलाज में कारगर शहद

शहद त्वचा की नमी बनाए रखने या मिठास बढ़ाने के काम ही नहीं आता। यह एक बेहतरीन औषधि भी है। एक नए शोध में इसे साइनीसाइटिस [नाक में संक्रमण] के इलाज में बेहद उपयोगी बताया गया है।

ओटावा यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध में कहा गया है कि साइनीसाइटिस के रोगियों के लिए शहद का सेवन फायदेमंद साबित होता है। शोधकर्ता डा. जोसफ जी मार्सन ने बताया कि शहद नाक में संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में सक्षम होता है। जोसफ बताते हैं कि केवल शहद ही बैक्टीरिया की बायोफिल्म [खूब सारे बैक्टीरिया जमा हो जाने से बनी परत] को भेजने में सक्षम होता है। इस बायोफिल्म को डाक्टर द्वारा दी गई दवाइयां 'एंटीबायोटिक' भी नहीं भेद सकती।

शहद में पाए जाने वाले तत्व बायोफिल्म से प्रतिक्रिया कर संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है। खासतौर पर न्यूजीलैंड का मनुका हनी, यमन का सिडर हनी [शहद का प्रकार] साइनस के इलाज में बेहद फायदेमंद पाए गए है।

बीपी कम करना है तो खाएं चुकंदर

बीपी [ब्लड प्रेशर] के मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है। हाई ब्लड प्रेशर में चुकंदर का सेवन बेहद लाभकारी पाया गया है। एक ताजा शोध में चुकंदर को खून साफ रखने और हृदय के लिए भी लाभकारी बताया गया है।

लंदन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने रोज चुकंदर का जूस पीने वाले मरीजों को अध्ययन में शामिल किया। उन्होंने रोज चुकंदर का मिक्स जूस [गाजर या सेब के साथ] पीने वाले मरीजों के हाई ब्लड प्रेशर में कमी पाई। अध्ययन के मुताबिक रोजाना केवल दो कप चुकंदर का मिक्स जूस पीने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। हालांकि इसका ज्यादा सेवन घातक साबित हो सकता है। इसके अधिक सेवन से चक्कर आना या वोकल कोर्ड पैरालिसिस का खतरा बढ़ जाता है। डाक्टर भी चुकंदर का मिक्स जूस ही लेने की सलाह देते हैं।

शोधकर्ताओं ने बताया कि चुकंदर में मौजूद नाइट्रेट और अन्य सब्जियों व फलों में पाए जाने वाले एंटीआक्सीडेंट ब्लड प्रेशर कम करते हैं। पेट के अम्ल के जरिए यह खून तक पहुंचता है। खून में घुल कर नाइट्रेट शरीर के सभी अंगों तक पहुंच जाता है और ब्लड प्रेशर कम कर देता है। शोधकर्ता अमृता अहलूवालिया ने बताया इस जानकारी की मदद से हृदय संबंधी रोगों का इलाज खोजा जा सकेगा।

Aisa bhi hota hai

उस 13 साल के बच्चे, जी नहीं डैडी ने स्वीकार किया कि उसे एक नैपी की कीमत के बारे में सही-सही पता नहीं है। हालांकि कहा, 'मुझे लगता है काफी ज्यादा होगी।' 13 वर्षीय एल्फी पैटन बमुश्किल आठ साल का लगता है। एल्फी बीते मंगलवार को पिता बना। उसकी गर्लफ्रेंड 15 वर्षीय चैंटिल स्टीडमैन ने एक बच्ची को जन्म दिया है। बच्ची का नाम मैसी रोक्सेन रखा गया है।

एल्फी ने बताया, 'मैंने पहली ही बार यौन संबंध बनाया था। मुझे गर्भनिरोधकों के बारे में जानकारी नहीं थी। जब मुझे चैंटिल के गर्भवती होने का पता चला, हमने उसे जन्म देने का फैसला किया।'

पिता बनते ही एल्फी बड़ों जैसी बातें करने लगा है। उसने कहा कि मैंने अभी यह नहीं सोचा है कि बच्ची का लालन-पालन कैसे करूंगा। मुझे कभी जेबखर्च भी नहीं मिलता। हां, कभी-कभार पापा 10 डालर जरूर दे देते हैं। जब मम्मी को इसकी भनक लगी तो लगा कि मैं मुसीबत में आ जाऊंगा। लेकिन सब ठीक-ठाक रहा। हम सभी बच्चा चाहते थे। डर सिर्फ यही था कि लोग क्या कहेंगे।

एल्फी के पिता डेनिस के मुताबिक 'जब मुझे इसका पता चला तो एक पल के लिए कुछ भी समझ में आना बंद हो गया था। लेकिन जब मैंने एंल्फी को जिम्मेदार पिता की तरह बातें करते देखा तो सब कुछ स्पष्ट हो गया। और नतीजा आपके सामने है।' एल्फी और चैंटिल की कहानी काफी दिलचस्प है। दोनों को गर्भ ठहर जाने का पता तब चला जब उसे 12 हफ्ते का गर्भ था। इसके बावजूद दोनों ने छह हफ्ते तक इसे राज ही रहने दिया। एक दिन चैंटिल की मां ने देखा कि उनकी बेटी का वजन बढ़ रहा है व पेट में सूजन हो गई है। पूछने पर सारी स्थिति साफ हो गई।

सोच बदलें, फिटनेस पाएं

ऐसा भला कौन होगा जिसे बेहतरीन फिटनेस की चाहत नहीं होगी। लेकिन अच्छी फिटनेस रोज-रोज डाइटिंग चार्ट बनाने, भाग कर जिम जाने, पसंदीदा भोजन से दूर...